Desire

चाह मुझे 

चाह मुझे नींद की नहीं  
मजा तो सपनो में खोने का है। 
चाह मुझे आसमान की नहीं
 मजा तो गिर कर उड़ने का है। 
चाह मुझे मंज़िल की नहीं 
मजा तो सफ़र में चलने का है। 
चाह मुझे ऊँची कामियाबी की नहीं 
मजा तो सीढियाँ चढ़ने का है। 
चाह मुझे जन्नत की नहीं
मजा तो जिंदगी जीने का है। .....  




Comments

Popular posts from this blog

Alfaaz

beautiful childhood

What was between us..