new ambition

चाह मेरी 

पँख फैलाए आसमान में, उड़ना सीखा आज कही 
खोल दिए है पँख मैंने, राह अपनी है नई 
ऐ गगण अब तू भी देख, पाना क्षितिज है चाह मेरी। 

आए सौ तूफान तो क्या, हौसला मेरा भी नहीं कम कभी 
माना ऊँचा है मक़ाम तेरा, पर हम भी किसीसे कम नहीं 
ऐ गगण अब तू भी देख, पाना क्षितिज है चाह मेरी।.... 

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