Never Thought
कभि सोचा न था
कभी सोचा न था होगा यु तुझसे मिलना मेरा
इस ख़ामोश गली में अचानक से, आजाना तेरा।
जब अनजान लोगो की भीड़ में अकेली थी मैं ,
धीरे से मेरे हाँथो को, थाम लेना तेरा।
जब काले अँधेरे बादलो से घिरी थी मैं ,
सुबह की पेहली किरण सा, मुस्कुराना तेरा।
जब जिंदगी से लड़ कर थक चुकी थी मैं ,
हौसलों की नई पतंग को मुझे, थामना तेरा।
जब टूटकर खो चुकी थी मैं ,
मेरे सपनो के गुलिस्ताँ को, समेट लाना तेरा।
कभी सोचा न था होगा यु तुझसे मिलना मेरा ,
इस ख़ामोश गली में अचानक से, आजाना तेरा। .....
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