journey
नींद का इंतजार सफर अलग अलग से होते है , कोई मस्ती भरा कोई शांतसा कोई उदासी में तो कोई प्यार में... ये कविता उस लड़के के बारे में है जिसे उसके सफर ने एक अनकही कहानी दी है ....... नींद का इंतजार ओर पहली नजर का प्यार ट्रैन की ऊपरी सीट से हो जाता उनका दिदार नजरे टकराती तो दिल ली धड़कन बढ़ जाती वो पलट कर ना देखे तो सांसे भी ठहर जाती वो नाम जानने की चाहत आँखों में नजर आती उसकी एक मुस्कराहट मेरी नींदे उड़ा जाती उसकी नजरे बिजली सी कहर ढाती वो उड़ती जुल्फे तो पागल बना जाती उसकी धीमी धीमी आवाज़,हवा में मदहोशी ले आती ओर वो पायल की झनकार,संगीत सा छेड जाती काश मुझमे तब जरासी हिम्मत आती या काश वो रेलगाड़ी युही चलती जाती सच कहता हूँ , वो सफर बड़ा याद आता है जब आज भी ऊपर की सीट पर मेरा नाम आता है। ....